महात्मा गांधी की जीवनी, और गांधी ने क्या क्या कार्य किये थे ?
इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 (अश्विनवदी12, संवत1665) मे पोरबंदर (गुजरात) मे हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी व माता का नाम पुतली बाई था। महात्मा गांधी की जीवनी क्या है और गांधी ने क्या क्या कार्य किये थे , इनके पिताजी राजकोट के मंत्री थे, लेकिन उन्हें धन जोड़ने का लालच नही था इसलिए वे ज्यादा अमीर नही थे। इनके माताजी बड़ी साध्वी थी बिना पूजा पाठ करे खाना तक नही खाती थी, उपवास की महिमा का ज्ञान गांधी जी को मां से ही मिला था। गांधीजी का बचपन पोरबन्दर मे ही बीता। गांधीजी बचपन मे बहुत संकोची स्वभाव के बालक थे। उन्हे किसी से मिलने मे डर लगता था, कही कोई उनका मजाक न उड़ाए। गांधीजी बचपन से ही सत्यनिष्ठ थे।
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- नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
- जन्म – 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर(गुजरात)शहर मे हुआ था
- मृत्यु – 30 जनवरी 1948 न्यू दिल्ली
गांधी की शिक्षा
इनकी मिडिल स्कूल की शिक्षा पोरबंदरमे हुई थी।गांधीजी 7 वर्ष की आयु में स्कूल गए फिर उन्होंने 1888 मे हाई स्कूल की परीक्षा पास करी। उच्च शिक्षा के लिए भावनगर गए पर वहां जम नहीं पाए तो छोड़ कर वापस पोरबंदर आ गए, गांधीजी अक्टूबर 1888 मे बैरीस्टर की पढ़ाई के लिए मुंबई से इंग्लैंड गए,वहां उन्होंने फ्रांसीसी भाषा एवं अच्छा भाषण देने की कला सीखी लेकिन वह असफल रहे। अपनी माता के दिए गए 3 वचनों की याद आई उसके बाद उन्होंने मांस शराब स्त्री से दूर ही रहे इंग्लैंड में उन्हें एनी बेसेंट और मदान बलास्पकी की से मित्रता हुई। उन्होंने भागवत गीता का अध्ययन किया व अलग-अलग धर्मों के लोगों के संपर्क में आए और अनेक धर्म की धार्मिक पुस्तकें पड़ी। वे1896 में भारत वापस आ गए। यहां आकर उन्हें उनकी माता की मृत्यु का समाचार मिला।
गांधीजी की विलायत में ऊंची शिक्षा-
गांधीजी जब 16 वर्ष के थे उनके पिताजी का देहांत हो गया था गांधीजी भी विलायत जाने के इच्छा रखते थे, लेकिन उनकी मां को डर था कि कहीं उनका लड़का विलायत जाकर मांस और शराब के चक्कर में ना पड़ जाए लंदन पहुंचकर पहले विक्टोरिया होटल में ठहरे होटल से निकलकर एक अंग्रेज परिवार के साथ रहे वहीं उन्होंने अंग्रेजी रीति रिवाज सीखें विलायत में परीक्षा की तैयारी करते हुए धर्म ग्रंथों का भी अध्ययन करने लगे गीता का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ने के बाद उनकी गीता के प्रति श्रद्धा बढ़ गई इन्हीं दिनों एक ईसाई सज्जन की प्रेरणा पर बाइबल पड़ी बाइबल का यह वाक्य – जो तेरे सीधे गाल पर थप्पड़ मारे , उसके आगे उल्टा गाल कर दे।इसी को उन्होंने अपने जीवन का मार्गदर्शन बना लिया।
महात्मा गांधी का वैवाहिक जीवन व परिवार –
महात्मा गांधी का मात्र 13 साल की उम्र में विवाह कर दिया था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था, वह उन से 1 साल बड़ी थी साल 1885 मे महात्मा गांधी के पिता की मृत्यु हो गई। उस समय गांधी जी के पहले बच्चे का जन्म हुआ।लेकिन वह कुछ समय बाद उसकी भी मृत्यु हो गई,उसके बाद चार और बच्चों का जन्म हुआ। उनके नाम –
- उनके पहले बच्चे का नाम हरिलाल था जिनका जन्म(1888)में हुआ था।
- दूसरे बच्चे का नाम मणिलाल था जिनका जन्म (1892)मे हुआ था।
- तीसरे बच्चे का नाम रामदास था जिनका जन्म (1897)में हुआ था।
- छोटे बच्चे का नाम देवदास था जिनका जन्म (1900)में हुआ था।
गांधी का दक्षिण अफ्रीका की ओर प्रस्थान(1893)-
3 साल की मेहनत के बाद गांधीजी 10 जून 1981 बैरिस्टर बन गए।यहां आकर माता की मृत्यु का समाचार मिला।गांधी जी ने लिखा है कि पिता की मृत्यु से अधिक आघात मुझे माता की मृत्यु से पहुंचा।राजकोट में वकालत करते हुए अधिक समय नहीं हुआ था,कि दक्षिण अफ्रीका की ओर से बुलावा आ गया।पोरबंदर की एक बड़ी कंपनी “अब्दुल्ला एंड कंपनी।गांधीजी “अब्दुल्ला एंड कंपनी” की ओर से वकालत करने निकल पड़े यहां से उन्होंने जीवन कार्य क्षेत्र में प्रवेश किया।
गांधीजी के प्रमुख आंदोलन-
- चंपारण आंदोलन- 1917 अप्रैल बिहार के चंपारण जिले से (नील की खेती का विरोध और किसानों के अत्याचार अवैध वसूली)
- असहयोग आंदोलन- 1अगस्त 1920 से 1922 तक चला (अंग्रेज सरकार की बढ़ते अत्याचारों का विरोध)
- डंडी मार्च- 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930(अंग्रेज सरकार द्वारा नमक के ऊपर कर लगाने के विरोध मे)
- दलित आंदोलन- 8 मार्च 1993 ( छुआछूत के विरोध मे)
- भारत छोड़ो आंदोलन-8 अगस्त 1942 ग्वालिया टैंक मुंबई (ब्रिटिश शासन को समाप्त करने )
- चिपको आंदोलन- 1973 चमोली जिले उत्तर प्रदेश (पर्यावरण रक्षा के लिए)
इन्हें भी देखें-
- महात्मा गाँधी जी के बारे में और ज्यादा जानने के लिए- “Click here ”
- अब्राहम लिंकन जीवन परिचय -“Click here“
- आर्यभट जीवन परिचय- “Click here”