शेर बहादुर देउबा (Prime Minister of Nepal)
शेर बहादुर देउबा का जन्म 13 जून सन 1946 में हुआ था. जन्म स्थान दूर पश्चिमी नेपाल के दादेलधूरा जिले के एक गांव आशीग्राम में हुआ था. उनका जन्म एक क्षत्रिय राजपूत जाति में हुआ. उनकी पत्नी डॉ आरजू राणा देउबा है. शेर बहादुर देउबा ने कला तथा कानून में स्नातक डिग्री ली है.
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- जन्म – 13 जून 1946
- जन्म स्थान – आशिग्राम, जिला- दादेलधूरा (नेपाल)
- जाति – क्षत्रिय (राजपूत)
- पत्नी – आरजू राणा देउबा
- पद – वर्तमान प्रधानमंत्री नेपाल
- राजनीतिक दल – कांग्रेस (नेपाली कांग्रेस)
देउबा राजनीतिक जीवन
शेर बहादुर देउबा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन 1965 में बहुत ही कम उम्र – 19 वर्ष की उम्र में की थी. उन्होंने सन 1965 से 1968 तक सुदूर पश्चिमी छात्र समिति काठमांडू के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था. 1960 और 1970 के समय में पंचायत व्यवस्था के अनुरूप (खिलाफ) कार्य करने के लिए देउबा को बीच-बीच में 9 साल की जेल भी हुई. देउबा ने सन 1980 के समय में नेपाली कांग्रेस की राजनीतिक समिति में भी कार्य किया था. देउबा को नवंबर 2016 में भारत में जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय के द्वारा डॉक्टरेट की मानक उपाधि से भी सम्मानित किया गया था. सन 2017 मे वे नेपाल के 40वे प्रधानमंत्री बने. और अभी वर्तमान मे 43वे प्रधानमंत्री है. वह पाँचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री नियुक्त हुए. वे नेपाल के प्रधानमंत्री रहे- पहली बार 1995 से 1997 तक , दूसरी बार 2001 से 2002 तक, तीसरी बार 2004 से 2005 तक, चौथी बार 2017 से 2018 तक, और अभी वर्तमान मे है.
देउबा का जन आंदोलन-1990
सन 1990 में जन आंदोलन के बाद, शेर बहादुर देउबा सन 1991 में दादेलधूरा एक से प्रतिनिधि सभा चुनाव के लिए चुने गए थे. वही एक सीट, जिसके बाद से उन्होंने हर चुनाव में कब्जा कर लिया है. सन 1994 में देउबा नेपाली कांग्रेस के संसदीय दल के नेता भी चुने गए. देउबा को सन 1995 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और फिर राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के साथगठबंधन सरकार का नेतृत्व किया.
गिरिजा प्रसाद कोइराला के प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद, देउबा ने सुशील कोइराला को हराकर, वे नेपाली कांग्रेस के संसदीय दल के नेता बने. और जुलाई सन 2001 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने. देउबा ने मई सन् 2022 में संसद को भंग करने का अनुरोध करते हुए नए चुनाव कराने और अपनी अलग पार्टी नेपाली कांग्रेस पार्टी की स्थापना करने का अनुरोध किया. और फिर अक्टूबर सन् 2022 में जब देउबा ने चुनाव स्थगित करने की मांग की थी तो राजा ज्ञानेंद्र जी ने उन्हें अक्षम होने के कारण बर्खास्त कर दिया था. और 2 वर्षों में दो अन्य सरकारों के बाद, ज्ञानेंद्र जी ने सन 2004 में देउबा को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त कर दिया था. लेकिन फिर इसके तुरंत बाद ही उन्हें 1 फरवरी सन् 2005 को राजा द्वारा ही फिर से पद से हटा दिया गया था. देउबा को जुलाई सन 2005 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण 2 साल की जेल की सजा भी सुनाई गई थी. लेकिन फिर उसके बाद में 13 फरवरी सन् 2006 को भ्रष्टाचार विरोधी संस्था के द्वारा उनको सजा देने के बाद, उन्हें रिहा भी कर दिया गया था. फिर सितंबर सन 2007 में देउबा ने अपनी अलग पार्टी को बंद कर दिया था और नेपाली कांग्रेस में ही शामिल हो गए थे.
कुछ अन्य जानकारी
संविधान सभा चुनाव – 10 अप्रैल सन 2008 को हुए संविधान सभा चुनाव में देउबा को नेपाली कांग्रेस के द्वारा दादेलधूरा- एक और कंचनपुर- चार दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए स्वयं उम्मीदवार के रूप में नाम लिया गया था. उन्होंने दोनों ही निर्वाचन के क्षेत्रों से जीत हासिल कर ली थी. और अपनी कंचनपुर -4 सीट छोड़ दी थी. जहां उनकी जगह यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी) के हरीश ठकुल्ला ने ली थी. जिसको उन्होंने उप चुनाव के बाद आम चुनाव में हराया था. 15 अगस्त सन् 2008 को संविधान सभा में आयोजित प्रधानमंत्री के लिए बाद के वोट में देउबा को नेपाली कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था. लेकिन फिर माओवादी के पुष्प कमल दहल ने उन्हें हराया था.सुशील कोइराला की मृत्यु के बाद ही, देउबा तेरहवें आम सम्मेलन में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे.
यह भी देखें
देउबा का भारत से बहुत पुराना नाता रहा है जून सन 2017 में प्रधानमंत्री बने. उनकी पहली विदेश यात्रा भारत ही हुई थी. देउबा ने अगस्त सन 2017 में भारत का दौरा किया था. और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे. शेर बहादुर देउबा इससे पहले भी सन 1996 , 2004 और 2005 मे भी प्रधानमंत्री के रूप मे हीं भारत के तीन दौरे कर चुके हैं.
इन्हे भी देखे-
- शेर बहादुर देउबा के बारे में अन्य जानकारी यहाँ से ले सकते है -“Click here“
- इमरान खान जीवनी (पाकिस्तान) – ” Click here “