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मदर टेरेसा जीवन परिचय mother Teresa biography in hindi

मदर टेरेसा जीवन परिचय  

मदर टेरेसा एक नोबेल पुरस्कार विजेता व समाज सेविका थी. mother Teresa biography in hindi – इनका जन्म शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश) साल 1910 में हुआ था। गरीबों की सेवा करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मदर टेरेसा जैसी महान आत्मा की हमारे देश में आज भी जरूरत है। बहुत कम से ऐसी महान आत्माओं का जन्म होता हैं जिसने अपना पूरा जीवन गरीबों और अनाथों के लिए न्योछावर कर दिया आइए हम आपको उनके जीवन से परिचित कराते हैं.

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मदर टेरेसा जीवन परिचय mother Teresa biography in hindi
मदर टेरेसा (नोबेल पुरस्कार विजेता)
  • असली नाम – एगनीज गोक्सहा बोजाजिऊ
  • परिवर्तित नाम – मदर टेरेसा, सिस्टर टेरेसा
  • जन्म – 26 अगस्त 1910 
  • जन्म स्थान – शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश)
  • शिक्षा –  शोहपयी पब्लिक स्कूल 
  • पेशा – समाज सेविका, मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्थापक
  • पिता का नाम – ट्रना बोयाज
  • माता का नाम – निकोला बोयाज
  • मृत्यु – 5 सितंबर 1997 (भारत)
  • नागरिकता – भारतीय

मदर टेरेसा का बचपन व शिक्षा (Childhood & Education)

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 में शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश) में हुआ था। इनके बचपन का नाम एगनीज था, इनके पिता एक उद्योगपति थे वा बहुत धार्मिक प्रवत्ति के भी थे, टेरेसा की मां भी बहुत दयालु थी टेरेसा में दया दान  के गुण बचपन से ही थे एगनीज (मदर टेरेसा) शोहपयी के एक पब्लिक में पढ़ी फिर बाद में वे रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा संचालित स्कूल में गई। टेरेसा बचपन से ही खुशमिजाज, साधारण थी जब टेरेसा बारह साल की हुई उनका जीवन बदल गया उनका मिलना एक पादरी से हुआ जो भारत में काम करते थे।

मदर टेरेसा के जीवन का बदलाव

साल 1922 में कब मदर टेरेसा 12 साल की हुई सब उनकी मुलाकात एक पादरी से हुई जो भारत में काम करते थे उस पादरी लने टेरेसा को भारत के बारे में बताया तब से टेरेसा के मन में मानव सेवा का भाव उत्पन्न हुआ और उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और टेरेसा आयरलैंड पहुंच गई वहां उन्होंने नन बनने का फैसला किया अन्य नॉन्स के साथ साल भर रही और पढ़ाई पूरी की। महिलाएं मन बनने के बाद अपना नाम बदल लेती हैं वेज संघ को पसंद करती हैं उसका ही नाम रख लेती हैं  साल 1931 में मदर टेरेसा ने भी अपना नाम एगनीज से बदलकर टेरेसा रखा।

मदर टेरेसा का भारत आगमन

साल 1929 में टेरेसा भारत आई शुरु में सिस्टर टेरेसा ने कलकत्ता के एक हाईस्कूल में पढ़ाया उन्हें पढ़ने बहुत पसंद था। कुछ सालों बाद साल 1944 में वे हाईस्कूल की प्रधान अध्यापक (principal) बन गईं भारत में मदर टेरेसा को अक्सर झुग्गी झोपड़ियों का संत बुलाया जाता था एक रात सिस्टर टेरेसा ट्रेन से सफर कर रही थी तभी उनकी नजर कलकत्ता की सड़कों पर रहने वाले गरीबों पर पड़ी उन गरीब लोगों की स्थिति बहुत दयनीय थी। उनमें से कुछ लोग तो बीमार थे उनके पास ना तो खाने के लिए पैसे, थे ना रहने के लिए घर था साल 1948 में सिस्टर टेरेसा ने बाकी नन्स को छोड़ दिया और दुसरे देश चली गई वहां से उन्होंने स्वास्थ सेवा के बारे में सीखा।

मिशनरीज ऑफ चैरिटीज (Missionaries off charity)

17 अक्टूबर 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटीज की स्वीकृति मिली थी। मशीनरी ऑफ चैरिटीज की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुई सिस्टर टेरेसा एक बार कलकत्ता की सड़कों पर निकली वहां उन्हें आज बच्चे मुझे जो सड़को पर रहते थे कोई भी उन बच्चों को प्यार नहीं करता सिस्टर टेरेसा ने उन बच्चों को अपनाया फिर कुछ दिनों बाद बच्चों की संख्या बढ़ती गई और 41 हो गई अब सिस्टर टेरेसा अकेली नहीं थी। सिस्टर टेरेसा भी उन गरीब बच्चों जैसी ही रहती थी वे सब लोग एक छोटे से कमरे वाले घर में रहते थे एक दिन युवा भारतीय महिला सिस्टर टेरेसा से मिलने आई सिस्टर टेरेसा ने उन्हें हाई स्कूल में पढ़ाया था कुछ और युवा महिलाओं ने ने टेरेसा की मदद करना शुरु कर दिया अब वे सब महिलाएं नई नन्स बन गई थी और सिस्टर टेरेसा अब मदर टेरेसा बन गई थी। मदर टेरेसा ने अपनी नन्स को मिशनरीज ऑफ चैरिटीज बुलायाऔर हर एक नन्स ने गरीबों से प्रेम करने और उनकी सेवा करने का प्रण लिया हरेक नन्स एक सादी साड़ी पहनती थी मिशनरीज ऑफ चैरिटीज की नन्स हमेशा सफेद नीली किनार की साड़ी पहनती थी। समय गुजरने के बाद बहुत से लोग ने मिलकर मिशनरीज ऑफ चैरिटीज को भारत के कोने कोने में फैला दिया उनमें से कुछ लोग इटली,इंग्लैड,एल, साल्वाडोर और अमेरिका सेवा करने चले गए।

मिशनरीज ऑफ चैरिटीज के बारे में जानने के लिएClick here

निर्मल ह्रदय

(निर्मल ह्रदय एक इमारत जिसमें गरीब लोगों रहते व उनका इलाज नन द्वारा किया जाता था) निर्मल ह्रदय नाम मदर टेरेसा ने रखा था। निर्मल ह्रदय में मदर टेरेसा और नन्स लोगों की सेवा करती थी बहुत से लोगों ने मदर टेरेसा को उनके महान कार्य के लिए पैसे देने लगे भारत सरकार ने भी मदर टेरेसा की मदद की उन पैसों से टेरेसा गरीबों के लिए जरूरी चीज खरीदती थी। मदर टेरेसा में कई स्कूलो अस्पताल शुरू किए साल 1964 में पोप पॉल vi भारत आए उन्हें अमेरिकी लोगों ने एक महंगी मोटरकार भेंट की भारत छोड़ने से पहले पोप ने  को अपने गाड़ी मदर टेरेसा को भेंट कर गए टेरेसा ने उस मोटर कार को बेचकर कोढ़ के रोगियों के लिए एक गांव बसाया ( कोढ़ एक प्रकार की बीमारी है जो शरीर की त्वचा और नर्व पर आक्रमण करती है)

मदर टेरेसा अवार्ड और अचीवमेंट (Award and achievements)

  • साल 1962 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया।
  • साल 1965 में मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पोप पॉल द्वारा धार्मिक संगठन घोषित
  • साल 1970 में केनेडी फाउंडेशन द्वारा गुड समेरिटन पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • साल 1971 में पॉप जॉन xxiii शांति पुरस्कार से सम्मानित।
  • साल 1972 में अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिए जवाहरलाल नेहरु उसका से सम्मानित।
  • साल 1973 में लंदन में टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित।
  • साल 1975 में अल्बर्ट स्विएटजर पुरस्कार से सम्मानित।
  • साल 1979 में बल्जन अवॉर्ड और शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

मदर टेरेसा की मृत्यु (death)

मदर टेरेसा की मृत्यु 1997 में कलकत्ता भारत में हुई थी। बढ़ती उम्र के कारण उनका स्वस्थ खराब होता गया और साल 1983 में पहली बार हॉट अटैक आया दूसरी बार साल 1989 में आया उसके बाद उनकी हालत खराब होती गई और 5 सितंबर 1997 में उनकी हृदय की बढ़ती परेशानियों के चलते मौत हो गई।

मदर टेरेसा के जीवन की कुछ रोचक बातें (Interesting facts)

  • भारत में मदर टेरेसा को गरीबों की बस्ती का संत बुलाया जाता था।
  • पॉप पॉल ने मदर टेरेसा को एक मैडोना की मूर्ति हेड की थी उन्होंने मदर टेरेसा को पॉप जॉन xiii शांति पुरस्कार के नवाजा था।
  • मदर टेरेसा गरीबों और अनाथोंकी मदद के लिए पूरी दुनिया में घूमती थी उन्हें लगता था कि गरीबों को भोजन  दवाओं के साथ-साथ स्नेह की भी बहुत जरूरत होती है।
  • सभी जगह मदर टेरेसा का बहुत प्रेम से स्वागत होता था चाहे वो किसी रोगियों से मिल रही हो या फ़िर जापान में किसी यूनिवर्सिटी के छात्रों से।
  • मदर टेरेसा गरीबो और अनाथों की मसीहा थी।

मदर टेरेसा के सुंदर विचार (thoughts)

मदर टेरेसा कहती थी –

  • एक दूसरे से उसी प्रकार प्रेम करो जैसे ईश्वर हम सबसे करते हैं।
  • गरीब व अनाथ लोग महान होते हैं।
  • गरीब लोगों को भौतिक चीजों से ज्यादा भी कुछ चाहिए होता है गरीबों की सबसे बड़ी जरुरत होती है कोई ऐसा इंसान हो जो उन्हें प्यार करे।
  • हम क्या करते हैं उसे इतना फर्क नहीं पड़ता है पर जो कुछ आम करते हैं उसे कितने प्रेम से करते हैं वह ज्यादा जरूरी होता है।

FAQ – मदर टेरेसा

1. मदर टेरेसा कौन थी हिंदी में?

Ans. मदर टेरेसा एक समाज सेविका व नोबेल पुरस्कार विजेता इसके साथ साथ टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटीज-
की संस्थापक भी थी।इनका जन्म 26 अगस्त 1910 शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश) में हुआ था।

2. 18 साल की उम्र में मदर टेरेसा ने क्या फैसला लिया?

Ans. मदर टेरेसा जब 12 साल की थी उनका मिलना एक पादरी से हुआ जो भारत देश में काम करता था उनसे मिलने के बाद टेरेसा के जीवन में बदलाव आया और तेरे सामने फैसला ले लिया कि वे अब कभी शादी नहीं करेंगे अपना पूरा  जीवन नन बन कर गरीब और अनाथ की सेवा में न्योछावर कर देंगी।

3. मदर टेरेसा को मदर टेरेसा क्यों कहते थे?

Ans. मदर टेरेसा को मदर टेरेसा इसलिए कहा जाता हे है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन को गरीब और अनाथों की सेवा में लगा दिया जिसका कोई नहीं होता था उसकी देखभाल करने वाली टेरेसा होती थी वह गरीब और अनाथ को प्रेम करती थी इस प्रकार लोगों ने उनको मदर टेरेसा बना दिया था।

4. मदर टेरेसा से हमें क्या सिख मिलती है?

Ans. मदर टेरेसा से हमें सीख मिलती है कि अपने जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए मनुष्य जीवन मिला है तो निस्वार्थ भाव से गरीबों और अनाथो की सेवा करना चाहिए जितना हो सके लोगों की मदद करना चाहिए।

5. मदर टेरेसा कहां पैदा हुई थी?

Ans. इनका जन्म 26 अगस्त 1910 शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश) में हुआ था।

6. मदर टेरेसा की संस्था का क्या नाम था?

Ans. मदर टेरेसा की संस्था का नाम  मिशनरीज ऑफ चैरिटीज हैं जिसकी शुरुवात साल 1950 में कलकत्ता (भारत) में हुई थी।

7. मदर टेरेसा के पुरस्कार ?

Ans. मदर टेरेसा के पुरस्कार
साल 1962 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया।
साल 1965 में मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पोप पॉल द्वारा धार्मिक संगठन घोषित
साल 1970 में केनेडी फाउंडेशन द्वारा गुड समेरिटन पुरस्कार से सम्मानित किया।
साल 1971 में पॉप जॉन xxiii शांति पुरस्कार से सम्मानित।
साल 1972 में अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिए जवाहरलाल नेहरु 
साल 1973 में लंदन में टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित।
साल 1975 में अल्बर्ट स्विएटजर पुरस्कार से सम्मानित।
साल 1979 में बल्जन अवॉर्ड और शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

8. मदर टेरेसा कहां की थी?

Ans. मदर टेरेसा शोहपयी, यूगोस्लाविया (यूरोप का एक देश) में की थी।


इन्हें भी देखें-

  • चंद्र शेखर आज़ाद जीवन परिचय- Click here
  • अब्राहम लिंकन जीवन परिचय- Click here” 
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर जीवन परिचय- Click here” 

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