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मानव का इतिहास, मानव के निकटतम पूर्वज कब और कहा से आए थे? आदि मानव कहां और कैसे रहते थे?

भूमिका – मानव का इतिहास

मानव के निकटतम पूर्वज के विषय मैं कई अनुमान लगाए जा सकते। मनुष्य बिना पूंछ वाले बंदर जैसे चिंपैंजी ,गोरिल्ला (जो जानवर अफ्रीका में पाए जाते हैं) आधुनिक मानव अफ्रीका के 200000 साल पहले सबके पूर्वज अफ्रीकी थे। मानव का इतिहास, मानव के निकटतम पूर्वज कब और कहा से आए थे? आदि मानव कहां और कैसे रहते थे? होमो इरेकटस के बाद विकास को दो शाखाओं में विभाजित किया गया। पहली शाखाओं का निएडरथल मानव का अंत हो गया। और शाखा क्रोमैगनॉन मानव अवस्था से गुजर कर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच गई। कपि और मानव एक दूसरे के पूर्वज हैं मनुष्य (मानव) का यह पूर्वज “कपि” नवयुग में जिसका प्रारंभ आज से लगभग 6 करोड साल पहले हुआ। पेड़ों पर नहीं बल्कि जमीन पर रहता था। इस कपि के पूर्वजों ने “मध्य जीव युग”मे (आज से 7 करोड़ साल पहले के समय)पेड़ों पर रहना छोड़ दिया था उनकी एक शाखा आज जैसे बंदरों की तरह पेड़ों पर कूदने वाली ही बनी रही

मानव का इतिहास, मानव के निकटतम पूर्वज कब और कहा से आए थे? आदि मानव कहां और कैसे रहते थे?
मानव का इतिहास

 मानव का इतिहास

आदि मानव  (प्राचीनपाषाण युग पूर्वार्थ)आज से लगभग 5 लाख वर्ष पूर्व से 50 हजार वर्ष तक) लगभग 6 लाख वर्ष (साल) पहले के समय पत्थर से बने हुए औजार हमें मिले। मानव की शक्ल जैसे मनुष्य के बाद लगभग 2 साल पहले चट्टानों के अंदर हमें जावड़े की हड्डियां मिली यह हड्डी जर्मनी के शहर(हिडलबर्ग) के पास 50 फीट गहराई के गड्ढे मे मिली। इससे अनुमान लगाया गया कि लंबे लंबे हाथों वाला बालदार अजीब सी शक्ल सूरत वाला इंसान इस इंसान का नाम नृवंश ने “हिडलवर्ग”रखा।वह लोग पत्थर के औजारो तथा हथियारों का प्रयोग करते थे। ये औजार 6 लाख साल पहले मिलने वाले औजारो से अधिक अच्छे थे। इसके बाद एक लाख साल तक पूर्व मानव के कोई चिन्ह नही मिले।फिर 1621मे ग्रेट ब्रिटेन के ससेक्स प्रांत मे खोपड़ी कि हड्डियों के कई टुकड़े मिले इस मानव इप्रोनथ्रोपस पिल्हडडॉन रखा गया। फिर आज से 50 हज़ार साल पहले चट्टानों के अंदर मानव प्राणी की अस्थियों के अनेक टुकड़े मिले जिनका नाम (नीडर्थल) रखा गया। सन 1621मे अफ्रीका में ब्रोकनहिल नामक जगह पर पर एक प्राणी की खोपड़ी की हड्डियों के टुकड़े मिले यह प्राणी नीडरथल(sub human) और पूरे तरह से विकसित मानव के बीच की कड़ी सा मालूम होता है। क्योंकि वह उस समय वास्तविक मानव के अधिक पास था। नीडरथल मानव के इस प्राणी का नाम (रोहडेशियन) मानव रखा गया। आज से 50,000 वर्ष पहले पहले पृथ्वी की शक्ल वह नहीं थी जो आज दिखती है यूरोप एवं एशिया बर्फ से ढका हुआ था ।जहां आज संयुक्त प्रांत बिहार और बंगाल है जहां समुद्र है।

आदिमानव कहां और कैसे रहते थे?

इसका वर्णन वेल्स की “एन आउटलाइन ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री” में मिलता है।आदिमानव पहले इधर उधर घुमा करते थे फिर इन्होंने पानी वाली जगह पर अपना रहना शुरू किया। आग के प्रयोग से इनका परिचय हो गया खुले मे बैठने लगे सोने कि जगह पर आग जला के सोने लगे ताकि जंगली जानवरों से बचाव हो सके। छोटा छोटा समूह एक जगह रहता था। इस काल मे आदिमानव घुमक्कड़ जीवन बिताते थे, समूह का मुखिया भोजन की तलाश मे इधर उधर घूमता था पहले कपड़े पहने का ज्ञान नही था तो पत्ते के कपड़े पहनते थे धीरे धीरे कपड़ो का ज्ञान हुआ। हजारों वर्ष पहले कई गांव डूब गए थे जो आज खुदाई मे निकली जो आज काम आते है।

प्राचीन पाषाणयुग उत्तर(Ancient Stone age)

प्राचीन पाषाणयुग उत्तरार्थ(आज से लगभग 50 हजार वर्ष पूर्व से 15हजार वर्ष पूर्व तक) लगभग 50 हजार वर्ष पहले इस संसार के रंगमंच पर आया था। तभी से मानवजाति का इतिहास प्रारंभ होता है(पश्चिम एशिया मे इराक के मैदान मे) उत्तरीय अफ्रीका मे एक महासागर से। लगभग 50 हजार वर्ष पहले वास्तविक मानव (homosapien) एक ही जगह मध्य एशिया मे उत्पन्न हुआ वहा से दुनिया मे चारों ओर फैला बाद मे जलवायु कई जातियो मे विभाजित हो गया। विकास के श्रंखला मे मानव प्राणियों की सीधी (direct) संतान थी। या हिडलवर्ग मानव की या इप्रोनथ्रोपस की, नीडरथाल मानव की या रोहडशियन मानव की? वास्तविक मानव किसी भी आदिमानव की संतान नही था। हिडलवर्ग मानव या (इप्रोनथ्रोपस) प्रकार के मानव बहुत पहले ही गायब हो चुके थे। केवल नीडरथाल मानव की परम्परा आज से 50 हजार पूर्व वर्ष तक मिलती है ऐसा अनुमान लगाया जाता है की इस जमाने मे नीडरथाल मानव इस पृथ्वी पर रहा था। कपि नीडरथाल मानव से अधिक सौम्य सुंदर, जिसका सिर हाथ पैर उसी प्रकार के थे जिसे आज के मानव के है । होमो सेपीअन(homosapeins) आधुनिक मानव नाम दिया।

पहली क्रोमेगनन जाति जिसकी हड्डियों के कुछ टुकड़े फ्रांस के क्रोमेगनन जगह मे सन 1565 मे मिले। दूसरा ग्रिमाल्डी जाति जिसका अवशेष मेनटोन के नजदीक ग्रिमाल्डी गुफा मे मिले।  क्रोमेगनन पुरुष 6 फीट से भी अधिक होते थे इन लोगो के चकमक पत्थर एक हड्डियों के बने अनके औजार तथा हथियार मिले थे जो प्राचीन पाषाणयुग के हथियारों से अधिक सुंदर थे। इसमें शंख व सीप के आभूषण भी मिले थे यह लोग चट्टानों एवं गुफाओं की दीवारों पर चित्र खोदते थे व रंग भी करते थे। मछली, घोड़ा,महागज इत्यादि जानवरों के चित्र खोदते व बनाते थे मानव शक्ल सूरत के चित्र बहुत कम थे हाथी दांत से खुदी हुई जानवरों की अनेक मूर्तियां भी मिली और कुछ पत्थर की बनाई मूर्तियां। इन बातों से मानसिक विकास का पता लगता है यह लोग चित्रकार तो निश्चित रूप से बहुत अच्छे थे।

नवपाषाण युग का इतिहास (Neolithic age)

आज से लगभग 15 हजार वर्ष पहले से लगभग 6 हजार वर्ष पूर्व (पहली प्राचीन सभ्यताओ के उदय होने तक)

आज से 40 से 50 वर्ष पूर्व (पहले) दुनिया का जो नक्शा था वह धीरे धीरे बदलता जा रहा था। महादीपो, नदी, पहाड़, की सीमा ऐसी बन चुकी थी,जैसी आज है।प्रोगएतिहासिक युग का वह समय जब मानव (मनुष्य) ने पत्थर के औजार बनाना शुरू किया था। इस युग के बाद मध्यपाषाण युग शुरू प्रारंभ हुआ जब मनुष्य (मानव) ने खेती करना शुरू किया था।साइबोरिया, उत्तरीय अमेरिका आदि स्थानों पर बर्फ हट चुकी थी। स्केडीनेविया और रूस देश आदमियों के रहने लायक जगह बनाई गई थी। यूरोप मे पूर्वकाल मे पाए जाने वाले अनेक जानवर जैसे हाथी, शेर, मस्कबेल आदि हमेशा के किए लुप्त हो चुके थे।उत्तर अफ्रीका , एशिया, माइनर, ईरान, भारत, चीन, दक्षिण पश्चिम एवं मध्य यूरोप दीप समूह नवपाषाण युग सभ्यता वाले लोग फेले हुए थे। अमेरिका मे वास्तविक मानव प्राचीनपाषाण युग के पुराने दुनियां मे चले गए थे। वहा उनका विकास कुछ अपने ही ढंग का हुआ ।नवपाषाण युग मे मनुष्य ने झोपडीयों का निर्माण किया और उसमे रहने की आदत बना ली,वह लोग अपने शरीर को ढकने लगे थे। इसी युग मे पहिए का अविष्कार हुआ। यह अविष्कार मानव जाति के लिए विकास का बड़ा कारण बना। आग की खोज तो प्राचीन पाषाणयुग मे ही हो गई थी।लेकिन उस समय मानव का आग का उपयोग करना नहीं आता था। नवपाषाण युग मे मानव ने आग का प्रयोग करना सीखा प्राचीन पाषाणयुग मे पत्थरो को रगड़ने से आग की उत्पत्ति हुई थी।

 नवपाषाण युग का विकास

इस काल मे मानव खुरदुरे पत्थरो के अतिरिक्त चिकने पत्थरो के बने औजारो और हथियारों का प्रयोग करने लगा। मुख्य औजार एवं हथियार कुल्हाड़ी थी। कालांतर मे जाकर सोने, चांदी के आभूषण (गहने) बनने लगे। जंगल मे उत्पन्न प्राकृतिक अनन गेंहू,जो, मक्का, इत्यादि और उपयोग करने लगे। फिर बीज (planting) करना शुरू किया और इस प्रकार खेती करने लगे साथ ही साथ पशुपालन करना सीख लिया गाय,बैल,भेड़,बकरी,घोड़ा, सुअर इत्यादि पलने लगे। शिकार करना छूट गया। खेती करना पशुपालन ये चीजे हमको साधारण मालूम होती हैं। फिर उन्होंने कलाओं को  सीखा होगा, वास्तव मे जंगली गेंहू पहले खुद ही पैदा होते होंगे। उन्होंने जंगली गेंहू को पीसकर खाना व पकाना सीखा होगा। यह जंगली सबसे पहले कहां से आया था? यह तो वनस्पति क्षेत्र मे “प्राकृतिक निर्वाचन” द्वारा खुद विकसित वस्तु थी। पशु पालन और खेती के अतिरिक्त (चाक) का अविष्कार उन लोगों ने कर लिया था। चाक से मिट्टी के बर्तन बनने लगे, आग जिसका परिचय तो आदिमानव प्राचीन पाषाणयुग मे ही हो गया था, मांस पका कर एवं अन्न पीस कर पका कर खाने लगे। पत्तों या खाल से शरीर ढंकना बंद कर दिया था, अब पौधों के रेशो के कपड़े बुनना शुरू हो गया था। इन बुने कपड़ो से मानव अपना शरीर ढंकते थे। कच्चे मकान बना के आंगनो को मिट्टी से लिप कर रहते लगे, जिन लोगों ने खेती का प्रारंभ हुआ उसी के साथ साथ एक विशेष प्रकार की मान्यता भी पाई जाती थीं वह मान्यता है रक्त भेंट चढ़ने की, मनुष्य बलि या पशु बलि देकर बीज बोने के समय पर एवं अनाज पाक जाने के समय सुंदर युवक युवती का बलिदान करते थे। कुछ दिनों बाद पशुओ का बलिदान करने लगे , इस मान्यता के पीछे उन आदिमानव मे कोई तर्क नहीं था कोई बुद्धि की प्रेरणा नहीं थी। इन लोगो को अभी तक मोसम का ज्ञान नही था की कब बोने और कटने का सही समय होता है

नवपाषाण युग की विशेषताये,

  • नवपाषाण युग मे  मानव ने कृषि करना सीखा।
  • नवपाषाण युग मे मानव ने पशुपालन करना सीखा।
  • नवपाषाण युग मे मानव ने सामाजिक व्यवस्था करना सीखा।
  • नवपाषाण युग मे मानव ने जीवन जीने का ढंग सीखा। इत्यादि।

History of human in English – ” Click here

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