अब्राहम लिंकन जीवन परिचय,जन्म-मृत्यू,और उनके जीवन की प्रमुख घटनाएं 2022

अब्राहम लिंकन जीवन परिचय.

अब्राहम लिंकन अमेरिका के महान और अच्छे राष्ट्रपति थे। अपने परोपकारी स्वभाव, धीरज, और जन साधारण लोगो के लिए प्रेम के कारण ही सबके लोकप्रिय थे। अब्राहम लिंकन जीवन परिचय, जीवनी, जन्म-मृत्यू,और उनके जीवन की प्रमुख घटनाएं. लिंकन का मानव जाति के इतिहास मे एक महत्वपूर्ण स्थान है। अब्राहम का जन्म अमेरिका मे हुआ था अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को हुआ था। तब अमेरिका में दास प्रथा मशहूर थी। अब्राहम को दास प्रथा के कारण सबका ये जानना था की वह एक अनपढ़ खेतीहर बने। इसका कोई अवसर नहीं दिखता था की अब्राहम दास प्रथा (गुलामी) को खत्म करके अमेरिका की जनता को आज़ादी दिलायेंगे और खुद एक महान आदमी सिद्ध होंगे। अमेरिका 19 शताब्दी के काल मे अमेरिका एक विकासशील देश होगा।

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अब्राहम लिंकन जीवन परिचय, जीवनी, जन्म-मृत्यू,और उनके जीवन की प्रमुख घटनाएं 2022 Abraham Lincoln biography and major events in life In hindi
अब्राहम लिंकन

जन्म – 12 फरवरी 1809

मृत्यु – 15 अप्रैल 1865 में

अब्राहम लिंकन का प्रारंभिक जीवन (childhood) –

अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को हुआ था। तब अमेरिका में दास प्रथा मशहूर थी। अब्राहम को दास प्रथा के कारण सबका ये जानना था की वह एक अनपढ़ खेतीहर बने। इसका कोई अवसर नहीं दिखता था की अब्राहम दास प्रथा (गुलामी) को खत्म करके अमेरिका की जनता को आज़ादी दिलायेंगे और खुद एक महान आदमी सिद्ध होंगे। अमेरिका 19 शताब्दी के काल मे अमेरिका एक विकासशील देश होगा। दास प्रथा के कारण सभी लोग पूर्व के इलाके से पश्चिम की और जाने लगे उन लोगो में लिंकन का परिवार भी शामिल था। अब्राहम के पिता जीविका का साधन जुटा रहे थे। अब्राहम भी अपने पिता की मदद करते थे।वह अपने जीवन के शुरुवात मे स्कूल नहीं जा पाए थे। जब अब्राहम इंडियाना आएं थे तब उनकी उम्र 7 साल की थी। तब लिंकन के पिता परिवार को लेकर इंडियाना (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का एक शहर) मे खेती की ज़मीन पर रहने लगे। वह  पहले सुनसान जंगल का एक हिस्सा था। अब्राहम का परिवार घर बनाने के काम मे लग गया। बारिश का मौसम आने ही वाला था इसलिए जैसे-तैसे लकड़ी का घर तैयार किया। यहां कोई स्कूल नहीं थे इसलिए लिंकन खेती के काम मे लग गए थे।

अब्राहम लिंकन की शिक्षा (education)-

जब अब्राहम की उम्र 11 साल की हुई तब पड़ोस में एक स्कूल खुला, उनके पिता का विचार था की अब्राहम जैसा स्वस्थ शरीर और समर्थ लड़के को खेती करनी चाहिए लेकिन उनकी मां के विचार थे की लिंकन को स्कूल भेजा जाए। पड़ोस मे लकड़ी के मकान मे स्कूल खुला तो लिंकन  और उनकी बहन को अक्षर का ज्ञान कराने के लिए स्कूल मे डाल दिया। अब्राहम की मां उन्हें बार बार समझाती थी की पड़ना लिखना सीख कर तुम्हें ज्ञान प्राप्त करना चाहिए तभी तुम बड़े होकर महान इंसान बन सकोगे। अब्राहम की मां की आज्ञा से उन्हें स्कूल जाने का मौका मिला। यहीं से अब्राहम का पुस्तकों के प्रति प्रेम शुरु हो गया। लेकिन उनकी पढ़ाई अनियमित रही क्योंकि खेती मे बार बार उनकी जरूरत पड़ती थी। स्कूल वह कुछ एक साल से अधिक ही जा पाए होंगे। लेकिन उन्हें पढ़ने के लिए जो कुछ मिलता था वे सब पढ़ डालते थे। कभी कभी पुस्तक उधार लेते थे उसे वापस देने के लिए मीलों चल कर जाना पड़ता था। दिनभर खेती करने के बाद रात को लिंकन कुटिया में अंगीठी के अंगारों के उजाले से पढ़ाई करते थे, और लकड़ी के ऊपर कोयले से लिखा करते

अब्राहम लिंकन का परिवार (family) –

अब्राहम लिंकन के पिता का नाम थॉमस लिंकन था व उनकी माता का नाम नैंसी हैकस लिंकन था। अब्राहम के पिता बड़ाई थे, लेकिन परिवार को पालने के लिए उन्हे जंगल शिकार करने जाना पड़ता था जहां उन्हें बहुत समय बीत जाता था। अब्राहम उनकी बहन और माता को (नैंसी लिंकन) पर खेतीबाड़ी की देखभाल का भार आ जाता था। लिंकन ने अपने जीवन की प्रेरणा का श्रेय माता को दिया था। लिंकन ने एक बार कहा था की- जो कुछ मैं हू, या कुछ होने वाला हूं। वह सब मेरी मां की ही सलाह से हूं। भगवान उन्हें सुखी रखे। सन 1818 की सर्दी के मौसम में इंडियाना प्रदेश मे एक अजीब महामारी फैली जिससे बहुत लोग मरे गए, और बहुत से जानवर भी।अब्राहम की मां भी इसी बीमारी से पीड़ित होकर सप्ताह भर मे उनकी मृत्यु हो गई। अकेलेपन से लिंकन के परिवार में उदासी छा रही थी, लिंकन और उनकी बहन को मां की याद बहुत सताती थी। पिता को जंगल मे शिकार के लिए लम्बे समय तक जंगल मे रहना पड़ता था। और दोनों बच्चे लिंकन और उनकी बहन को कुटिया में अकेले रहना पड़ता था। ऐसे सुनसान जंगल की रातों मे 9 साल के लिंकन अपनी बहन को दिलासा देते थे। फिर कुछ दिनों बाद लिंकन के पिता ने फिर से शादी करी जिससे लिंकन का परिवार खुशी खुशी रहने लगा।

अब्राहम लिंकन का वैवाहिक जीवन –

लिंकन को एन रूटलेट नाम की लकड़ी से प्रेम था। लेकिन वह शादी होने के कुछ दिनों पहले ही रुटलेट की मौत हो चुकी थी। लिंकन का दिल टूट गया। अपना दुख भूलने के लिए समाज सेवा मे लग गए फिर कुछ सालों बाद लिंकन का मिलना मैरी टॉड से हुआ 4 नवंबर 1842 मे उन्होंने शादी कर ली।

अब्राहम लिंकन का महान भाषण (गोटिसबर्ग)-

गोटिसबर्ग का भाषण अब्राहम के महान भाषणों में से एक है। लिंकन ने अपने भाषण में कहा था कि- सालों पहले हमारे पूर्वज ने इस महाद्वीप पर एक नए राष्ट्र को जन्म दिया था। इस राष्ट्र का जन्म स्वतंत्रता के समय हुआ। इसका ये आदर्श यह रह गया की ईश्वर(भगवान) ने सभी मनुष्य को एक जैसा बनाया है।आज हम एक महान युद्ध मे है।और इस बात की प्रतिक्षा कर रहे है की यह राष्ट्र अथवा इसी प्रकार से जन्म और यही आदर्श मानने वाला कोई भी अन्य राष्ट्र जीवित रह सकता है या नही।आज हम युद्ध के महान क्षेत्र में इकट्ठे हुए है। उस राष्ट्र को जीवित रखने के लिए जिसके लिए हमारे कई महान योद्धाओं ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। लेकिन ये लोगों की नजरो से देखा जाए तो हमारे वश नहीं है की हम भूमि को गौरव प्रदान करे। और उसे पवित्र बनाए।  जिंदा लोग और मृत्यु वीर पुरुष ने संघर्ष किया था वे लोग इसे पहले ही पवित्र बना चुके है। जो कुछ हम यहां कहेंगे उस पर संसार अधिक ध्यान नहीं देगा। लेकिन वीर पुरुष ने जो कार्य किए है। उन्हें संसार कभी नही भूलेगा। हम जीवित मनुष्य का यह कर्तव्य है की उस अधूरे काम भी पुरा करे। हमारे सामने जो महान कार्य बचे हुए है। उन पर हम हमारा पूरा जीवन अर्पित कर दे।

अब्राहम लिंकन के जीवन की प्रमुख घटनाएं –

  • दास प्रथा- अब्राहम लिंकन जब 19 साल की उम्र मे मिसिसिपी नदी से माल ढोने वाली नाव मे औलियन्स गए। यही उन्होंने गुलामों(दास)को पास से देखा लिंकन को बहुत गुस्सा आई। लिंकन इलिनॉय मे जा बसे और यहां नई जमीन तोड़ कर लकड़ी का घर बनाया।
  • क्लर्क- 22 साल की उम्र मे लिंकन  इलिनौय की एक दुकान मे क्लर्क बन गए। उनके विचार और भावनाओं की गहराई से लोग आकर्षित हुए। कहानी कहने मे कुशल साथ साथ वह शासन की जानकारी लेने मे शोक रखते थे। लिंकन के मित्रों ने आग्रह किया की लिंकन इलिनौय राज्य की विधान सभा चुनाव मे खड़े होए।
  • विधानसभा – 25 साल की उम्र मे लिंकन ने राजनीति मे प्रवेश किया। उनका कद लम्बा था वे चौड़े किनारे का टोप, घर के कपडे का शर्ट, और नुकीले कोने वाला कोट पहनते थे। उनको देख कर लोग सोचते थे,ये आदमी कैसा अजीब है लेकिन उनका बोलना शुरु होते ही सब देखते रह गए। सन 1834 मे लिंकन इलिनौय विधान सभा सदस्य  का चुनाव जीता।
  • कानून – राज्य की विधान सभा मे रहते हुए लिंकन खाली समय मे कानून का अध्ययन करते थे। विधान सभा चुनाव मे लिंकन तीन बार चुने गए। सन 1836 मे उन्हे  वकालत करने की अनुमति मिल गई।
  • कांग्रेस – 37 साल की उम्र मे लिंकन ने राष्ट्र की राजनीति मे कदम रखा। वह संसद कांग्रेस की निचली सभा (house of representatives) के सदस्य चुने गए। यहां से दास प्रथा का नए राज्यों मे दास प्रथा का कड़ा विरोध
  • उग्र मदभेद –    लिंकन ने उपनिवेशवाद के दिनों मे अमेरिका मे जो नीग्रो लोग लाए जा रहें थे। उनको दास बना कर काम कराया जाता था। लिंकन ने स्वतंत्र देश मे एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति का गुलाम बनने पर विरोध किया। उनका कथन था- स्वतंत्रता हर इंसान का अधिकार है।
  • वाद विवाद– सन 1854 मे जब सब मानने लगे थे की दास प्रथा अमेरिका मे और अधिक फैलेगी। तब लिंकन ने अपनी वकालत छोड़ दी। अमेरिका सांसद के चुनाव के लिए खड़े हो गए। इस बार लिंकन ने उच्च सभा (सेनेट) का चुनाव लड़ा। लिंकन के चुनाव आन्दोलन के प्रतिनिधि उम्मीदार स्टीवन ए. डगलस के साथ वाद विवाद की एक चैन का रूप धारण कर लिया डगलस चुने गए पर लड़ाई का विषय होने पर भी लिंकन को राष्ट्र का सम्मान मिला।

अब्राहम लिंकन की मृत्यु (death) –

लिंकन की मौत 15 अप्रैल 1865 में एक सभा मे भाषण देते हुए गोली मरने से हुई थी।

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इन्हें भी देखें-

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