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अरुण खेतरपाल जीवन परिचय Arun khetarpal biography in hindi ( सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल )

अरुण खेतरपाल परिचय

अरुण खेतरपाल भारतीय आर्मी के अधिकारी थे। इन्हें सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल के नाम से जाना जाता है। Arun khetarpal biography in hindi – बहुत ही कम उम्र में ही अरुण खेत्रपाल शहीद हो गए थे ( उनकी मृत्यु हो गई थी). और खेतरपाल की मृत्यु के बाद उन्हें परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। सन 1971 में हुए भारत- पाकिस्तान के युद्ध में अरुण खेत्रपाल ने अपनी वीरता तथा पराक्रम दिखाया था। 

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सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल
पूरा नाम – अरुण खेतरपाल 
जन्म – 14 अक्टूबर 1950 
जन्म स्थान – पुणे, महाराष्ट्र 
मृत्यु – 16 दिसंबर 1971 
मृत्यु स्थान – बारापिंड, शकरगढ़ पंजाब 
मृत्यु की उम्र – 21 वर्ष की उम्र में 
व्यवसाय – भारतीय थल सेना (अधिकारी) 
नागरिकता – भारतीय 
धर्म – हिंदू 
युद्ध – भारत पाकिस्तान युद्ध 1971, बसंतसर का युद्ध
पुरस्कार – परमवीर चक्र 1971

अरुण खेत्रपाल जन्म, परिवार तथा प्रारंभिक जीवन Birth, Family

अरुण खेतरपाल का जन्म 14 अक्टूबर 1950 में पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। इन्होंने अपना जीवन बचपन से महाराष्ट्र के अलावा कई शहरों में व्यतीत किया था, क्योंकि इनके पिता आर्मी में थे, तो उनका जगह जगह ट्रांसफर होता रहता था। अरुण खेत्रपाल के पिता का नाम मदनलाल खेतरपाल है। इनके पिता मदनलाल खेत्रपाल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल तथा इसके बाद ब्रिगेडियर के पद पर कार्यरत थे। मदनलाल खेतरपाल भारतीय आर्मी सेना में कौर ऑफ इंजीनियर के अधिकारी थे। अरुण खेत्रपाल की माता का नाम महेश्वरी खेतरपाल है,जो कि एक आहार विशेषज्ञ थी। अरुण खेतरपाल के भाई का नाम मुकेश खेतरपाल है। अरुण खेतरपाल के दादा भी आर्मी में थे, इनके दादा जी ने सन 1917 से 1919 में प्रथम विश्व युद्ध में सैनिक के रूप में युद्ध किया था। अरुण खेतरपाल के परदादा भी भारतीय सेना में ही थे, ये सन 1848 के युद्ध में ब्रिटिश आर्मी के खिलाफ शिवसेना की तरफ से लड़े थे। अरुण खेत्रपाल का पूरा परिवार ही मातृभूमि की सेवा में समर्पित रहा है। ऐसे वीर तथा साहसी महापुरुषों का नाम सभी को याद रहना चाहिए।

  • पिता का नाम – मदन लाल जी खेतरपाल ( भारतीय सेना) 
  • माता का नाम – महेश्वरी खेतरपाल (आहार विशेषज्ञ) 
  • भाई का नाम – मुकेश खेतरपाल
  • पत्नी का नाम – विवाह नहीं हुआ था

अरुण खेतरपाल की शिक्षा  Education

अरुण खेतरपाल की शिक्षा शुरुआत से ही कई शहरों में हुई है, क्योंकि अरुण खेतरपाल के पिता मदनलाल खेतरपाल आर्मी में कार्यरत थे, तो उनका ट्रांसफर कई शहरों में होता रहता था। इस वजह से अरुण खेतरपाल की शिक्षा भी कई शहरों में हुई है। लेकिन अरुण की आखिरी 5 साल की शिक्षा लॉरेंस स्कूल सनावर में हुई थी। अरुण खेतरपाल बहुत होशियार विद्यार्थी थे, वह हमेशा अच्छे अंको से पास हुए हैं। इसके अलावा उन्हें क्रिकेट खेलना अच्छा लगता था। सन 1968 में अरुण खेतरपाल को एनडीए में शामिल होने का अवसर मिल गया था। उनकी एनडीए संख्या 7498/ एफ / 38 थी। अरुण खेतरपाल ने कॉलेज की पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला से तथा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से की थी। Arun khetarpal story in hindi

अरुण खेतरपाल आर्मी करियर Career

अरुण खेतरपाल के भारतीय आर्मी करियर की शुरुआत सन 1971 में हुई थी। अरुण खेतरपाल ने अपना सैनिक जीवन 13 जून 1971 से शुरू किया था। उनका सैनिक जीवन सिर्फ 6 माह का ही रहा था। अरुण खेत्रपाल को 16 दिसंबर 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 17 पूना हार्स को भारतीय सेना के 47वी इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान के अंतर्गत नियुक्त किया गया था। संघर्ष की अवधि के दौरान 45वी ब्रिगेड शकरगढ सेक्टर में ही तैनात थी। 6 माह के सैनिक जीवन में ही उन्होंने देश के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया और देश के लिए अमर हो गए। 

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अरुण खेतरपाल जीवन परिचय

1971 भारत – पाकिस्तान युद्ध Indo – Pak war

दिसंबर 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था। इस युद्ध में अरुण खेतरपाल को एक स्क्वाड्रन की कमान संभालने की ड्यूटी पर तैनात किया गया था। युद्ध में अरुण ने पाकिस्तान की कई तोपों को नष्ट किया था। अरुण खेतरपाल को अन्य स्क्वाड्रन का संदेश मिला और वे मदद के लिए अपनी टुकड़ी (ग्रुप) को लेकर शकरगढ़ के जरपाल की और गए। वह दुश्मनों के टैंकों को नष्ट करते रहे। इसी दौरान दुश्मनों के निशाने पर उनका टैंक आ गया और उनकी टैंक में आग लग गई। परंतु युद्ध की परिस्थितियों को देखकर अरुण खेत्रपाल पीछे नहीं हटे और दुश्मनों से लड़ते रहे। इस दौरान अरुण खेतरपाल भी घायल हो चुके थे। फिर भी वह दुश्मनों से लड़ रहे थे। अरुण खेतरपाल का टैंक आग में पूरा जल गया था और पूरी तरह बेकार हो गया था। उसी के कारण अरुण खेतरपाल भी पूरी तरह घायल हो चुके थे। उसी दौरान अरुण खेत्रपाल की मृत्यु हो गई थी। वह देश के लिए शहीद हो गए थे, और इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी। 

अरुण खेतरपाल मृत्यु  Death

16 दिसंबर 1971 में भारत- पाकिस्तान के युद्ध के चलते अरुण खेतरपाल की मृत्यु हुई  थी। मृत्यु स्थान बरापिंड, शकरगढ़ पंजाब था। इस युद्ध में वह पाकिस्तान सेना से हार नहीं माने और आखिरी दम तक लड़ते रहे थे। अरुण खेतरपाल की उम्र मृत्यु के समय सिर्फ 21 वर्ष की ही थी। उन्होंने आर्मी में अपना 6 माह का ही जीवन व्यतीत किया था। मृत्यु के बाद अरुण खेतरपाल को परमवीर चक्र का पुरस्कार दिया गया था। अरुण खेतरपाल ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। 

अरुण खेतरपाल बायोपिक फिल्म Biopic movie

अरुण खेतरपाल के जीवन पर आधारित उनकी बायोपिक फिल्म बनने वाली है। अरुण खेतरपाल की वीरता, साहस तथा बलिदान को इस फिल्म में अच्छी तरह से दर्शाया जाएगा। शायद इस फिल्म में अरुण खेतरपाल का किरदार अभिनेता वरुण धवन निभा रहे हैं। यह फिल्म श्रीराम राघवन के द्वारा निर्देशित है। अभी इस फिल्म की कोई रिलीज डेट नहीं आई है, लेकिन यह फिल्म जल्द ही रिलीज होगी।

अरुण खेतरपाल पुरस्कार तथा उपलब्धियां  Awards

  • अरुण खेतरपाल को सन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में दुश्मनों के सामने बहादुरी से लड़ने के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र मृत्यु के बाद प्रदान किया गया था।
  • अरुण खेतरपाल की सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट की उपाधि थी। 
  • 21 साल की उम्र में उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया, सभी लोग उन्हें आज भी याद करते हैं।
  • एनडीए के परेड मैदान में उनका नाम लिखा है। 
  • अरुण खेतरपाल के स्कूल द लॉरेंस स्कूल सनावर में एक स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है- खेतरपाल स्टेडियम। 

अरुण खेत्रपाल के बारे में रोचक जानकारी

  1. अरुण खेतरपाल 1971 भारत- पाकिस्तान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे. 
  2. मृत्यु के समय उनकी उम्र केवल 21 वर्ष की थी। 
  3. अरुण खेतरपाल ने सिर्फ 6 माह का सैनिक जीवन जिया था।
  4. अरुण खेतरपाल के पिताजी, दादा तथा परदादा भी भारतीय सेना में सैनिक थे। 
  5. अरुण खेतरपाल को मृत्यु के बाद भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में परमवीर चक्र पुरस्कार दिया गया था। 
  6. अरुण खेतरपाल भारतीय थल सेना में अधिकारी थे। 
  7. अरुण खेतरपाल के जीवन पर आधारित उनकी बिओपिक् मूवी बनने वाली है। 
  8. अरुण खेतरपाल आखिरी शब्द थे – सर मैं अपना टैंक नहीं छोडूंगा। जब तक मेरी गन काम करती रहेगी, मैं फायर करता रहूंगा। 

FAQ

Q. अरुण खेतरपाल का जन्म कब हुआ था? 

A. जन्म – 14 अक्टूबर 1950  पुणे, महाराष्ट्र .

Q. अरुण खेतरपाल की मृत्यु कब हुई थी? 

A. 16 दिसंबर 1971 बारापिंड, शकरगढ़ पंजाब.

Q. अरुण खेतरपाल की मृत्यु किस उम्र में हुई थी? 

A. मृत्यु की उम्र – 21 वर्ष की उम्र में.

Q. अरुण खेतरपाल की मृत्यु कैसे हुई थी? 

A. 1971 भारत – पाकिस्तान युद्ध लड़ाई के दौरान.

Q. अरुण खेतरपाल कहां के रहने वाले थे? 

A. पुणे, महाराष्ट्र .

Q. अरुण खेतरपाल की बायोपिक फिल्म का नाम क्या है? 

A. बिओपिक् फिल्म बनेगी परंतु अभी नाम नही पता .

Q. अरुण खेतरपाल पत्नी का नाम क्या है? 

A. अरुण खेतरपाल की शादी नही हुई थी.

Q. अरुण खेतरपाल के भाई कौन है? 

A. भाई का नाम – मुकेश खेतरपाल.

Q. अरुण खेतरपाल के आखिरी शब्द क्या थे? 

A. अरुण खेतरपाल आखिरी शब्द थे – सर मैं अपना टैंक नहीं छोडूंगा। जब तक मेरी गन काम करती रहेगी, मैं फायर करता रहूंगा। 


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